लेखनी प्रतियोगिता -13-Feb-2022इजहार
इज़हार
अंदाज़ तेरे देखने का कुछ करने लगा कमाल,
करने लगे हम तुमसे मोहब्बत बेहिसाब,
वह समझ ना सके ,हम समझा ना सके।
शब्द नहीं आ रहे थे कुछ याद,
कैसे करें उस मोहब्बत का इज़हार।
जो पाक सी है हमारे लिए आज,
दिल की हर धड़कन का राज।
बता ना सके बस यूं ही कह कर,
दिल को समझा रहे हैं अब तो,
प्यार के हालात समझ गए आप ।
तेरी यादों में गिरफ्तार होने लगे।
बातों से पन्ने हम भरने लगे,
सफेद कागज को भावनाओं से रंगने लगे ।
दिल की हर धड़कन तेरे नाम करने लगे।
बस समझ जाओ अब तो सितमगर ,
प्यार हम तुमसे बहुत करने लगे।
शब्दों से बांध पाऊं उस प्यार को,
शब्द भी अब मेरे कम पढ़ने लगे ।
दिल की हर धड़कन कुछ कहने लगी,
प्यार में जिंदगी अब तो बहने लगी।
जीने की कला फिर आने लगी ,
लब पर मुस्कान सजा जाने लगी ।
आंखों से आंखों में बात होने लगी ,
शब्द की अब जरूरत ही कहां,
दिल की धड़कन तेरे नाम होने लगी।
मेरी हर धड़कन का साज हो तुम,
जिंदगी जीने का नायाब अंदाज हो तुम
रचनाकार ✍️
मधु अरोरा
प्रतियोगिता के लिए
Shrishti pandey
14-Feb-2022 09:24 AM
Very nice
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Punam verma
14-Feb-2022 08:29 AM
बहुत बढ़िया
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Seema Priyadarshini sahay
14-Feb-2022 12:52 AM
बहुत खूब
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